Padmashree Awadhesh Kaushal के निधन पर सामजिक कार्यकर्ता व पर्यावरणविदों में शोक

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नैनीताल: Padmashree Awadhesh Kaushal मंगलवार का दिन उत्तराखंड के लिए बड़ी दुखद लेकर आया। रुलक संस्था के चेयरमैन पद्मश्री अवधेश कौशल का देहरादून में निधन हो गया। 83 साल के कौशल पर्यावरण व सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहे। नैनीताल हाईकोर्ट में उनकी पर्यावरण व सामाजिक मामलों में उनकी जनहित याचिका में महत्वपूर्ण आदेश पारित किए। वह सामाजिक कार्याें में, जरूरतमंदों की मदद के साथ ही पर्यावरण के लिए हमेशा आगे बढ़कर काम करते थे।

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देहरादून मसूरी क्षेत्र की चूना भट्टियों को बंद कराने में उन्होंने लम्बा संघर्ष किया। पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं व भत्तों को लेकर वे हमेशा मुखर रहे। उनका सोचना था कि यह पैसा राज्य के विकास के मद में खर्च होना चाहिए। उनकी जनहित याचिका में हाईकोर्ट के पारित आदेशों के बाद उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्रियों से उनके आवास खाली कराए गए, यहां तक कि आवास भत्तों की वसूली भी हुई।

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महाराष्ट्र के राज्यपाल व पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी तक को नोटिस जारी हुआ। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। हाईकोर्ट में उनके इस मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने अवधेश कौशल के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।

हाईकोर्ट की अधिवक्ता डॉ पल्लवी बहुगुणा के अनुसार पद्मश्री अवधेश (Padmashree Awadhesh Kaushal) के देहरादून में शिक्षण संस्थान भी हैं। उनका निधन देहरादून के अस्पताल में हुआ। विभिन्न सामाजिक व पर्यावरण पर काम कर रहे संगठनों ने उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।

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