Uttarakhand Chief Secretary: ने राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति के साथ की बैठक

0
212

देहरादून: Uttarakhand Chief Secretary: मुख्य सचिव एस.एस.संधु ने सचिवालय सभागार में राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में संबंधित अधिकारियों को उपरोक्त दिशा-निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों का जीवन बचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए और इसके लिए विभिन्न विभागों को अपने विभागीय स्तर पर तथा सामूहिक समन्वय से जरूरी कदम उठाये जाने चाहिए। सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी न की जाए और सुधारीकरण के कार्यों की तीव्र प्रगति के लिए नियमित मॉनिटरिंग की जाए।

Newly appointed dm: वंदना सिंह ने संभाला डीएम का पदभार

लाइसेंस जारी करते समय पूरी प्रक्रिया का ठीक ने अनुपालन करें।

परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि विभिन्न श्रेणी के लाइसेंस बनाते समय ट्रायल-ट्रेस्टिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग रखें तथा ट्रायल का डेटा पोर्टल पर अपलोड करें ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी मीडिएटर(मध्यस्थ) के माध्यम से लाइसेंस न बनवा सके। उन्होंने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को निर्देश दिए कि मुख्य चौराहों और मुख्य सार्वजनिक रूट पर सी.सी.टी.वी कैमरे के साथ ही राडार और स्पीड इन्टरसेप्टर तकनीक का इस्तेमाल करें और इस तकनीक को चौपहिया और दो पहिया वाहनों में भी लगाएं। साथ ही इसका नियमित सुपरविजन करते हुए ओवरस्पीडिंग, रैश डाइविंग और सड़क सुरक्षा के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों पर सक्रियता से एक्शन लेते हुए सड़क सुरक्षा के जोखिम को न्यूनतम करें।

तद्नुसार जोखिम सुधारीकरण से संबंधित सभी कार्य संपन्न करने के निर्देश

Uttarakhand Chief Secretary: ने लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ब्लैक स्पॉट और वलनरेबल (दुर्घटना की दृष्टि से जोखिम वाले) क्षेत्रों को ए, बी व सी श्रेणी में वर्गीकृत करते हुए तद्नुसार जोखिम की अधिकता के अनुसार सुधारीकरण से संबंधित सभी कार्य संपन्न करने के निर्देश दिये। निर्देशित किया कि जहां तक संभव हो सके सड़क मार्गों पर साईकिल ट्रैक का भी निर्माण करें, विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों में जहां पर कामगारों(श्रमिकों) का आना-जाना रहता है, वहां पर साईकिल ट्रैक जरूर बनायें। विभिन्न रूट पर स्पीड ब्रेकर व रम्बल स्ट्रीप इस तरह से बनायें ताकि औसतन गति से वाहन चलाने वाले को अनावश्यक परेशानी न हो। साथ ही तीव्र गति से वाहन चलाने वाले का वाहन धीमा हो जाए। उन्होंने सड़क सुरक्षा का अच्छी ऐजेंसी से थर्ड पार्टी ऑडिट करवाने और माननीय न्यायालय तथा सड़क सुरक्षा समिति के समय-समय पर प्राप्त होने वाले सुझावों को अमल में लाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने अवैध मीडियन्स को तत्काल बंद करने, मुख्य मार्ग से 90 डिग्री पर सीधे मिलने वाले संपर्क मार्ग अथवा रास्तों पर जरूरी सुरक्षा उपाय करने और पहाड़ी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश दिए। परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि सुरक्षा मानकों का दूसरी बार उल्लंघन करने वाले वाहन चालक के डाइविंग लाईसेंस को छः माह के लिए तथा तीसरी बार उल्लंघन करने पर एक वर्ष के लिए लाईसेंस को निलंबित करें। कहा कि बिना हेलमेट वाहन चलाने वालो से हेलमेट का चार्ज लेते हुए नया हेलमेट दें, साथ ही मानक के अनुरूप जुर्माना की जितनी धनराशि है, उसका 50 प्रतिशत धनराशि भी वसुले।

पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटना में घायल लोगों के त्वरित इलाज हेतु व्यवहारिक समाधान तलाशने के निर्देश

Uttarakhand Chief Secretary: ने कहा कि दुर्घटना होने के पश्चात् गोल्डन अवर में लोगों का जीवन बचाने में स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और परिवहन विभाग को संयुक्त रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटना में घायल लोगों के त्वरित इलाज हेतु व्यवहारिक समाधान तलाशने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने वीडियो कन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित पूर्व की जितनी भी मजिस्ट्रेट जांच अभी तक लंबित है, उसका दो माह के भीतर निस्तारण करें, साथ ही आगे से प्रत्येक मजिस्ट्रियल जांच को प्रत्येक हाल में तीन माह के भीतर निस्तारित करें। ऑटोमेटेड टेस्टिंग लेन, डाइविंग स्कूल और फिटनेस टेस्ट लेन बनवाने के लिए भूमि का तत्काल सर्वे किया जाए तथा इस संबंध में यदि निजी संस्थानों का भी सहयोग लिया जा सकता है तो उस पर भी विचार करें।

सड़क सुरक्षा समिति गठित करने के निर्देश

उन्होंने अग्रिम निर्देश देते हुए कहा कि सभी जनपदों में ‘इन्स्टिट्यूट सोशल रेस्पोंसिबिल‘ इनिशिएटिव प्रारंभ करें जिसके अंतर्गत विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों में अध्यनरत छात्रों, रिटायरमेंट इंजीनियरों अथवा समाज के सक्रिय और रचनात्मक नागरिकों को सड़क सुरक्षा के संबंध में बेहतरीन सुझाव और फीडबैक देने के लिए मंच प्रदान करें। इसके लिए उन्होंने प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर भी उपजिलाधिकारियों की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति गठित करने के निर्देश दिये जिसमें उपरोक्त सभी लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो।

इस दौरान बैठक में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, रंजीत सिन्हा, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, प्रभार सचिव विनोद कुमार सुमन, वी. षणमुगम, आयुक्त परिवहन दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

Indian women’s hockey team: पहली बार पहुंची सेमीफाइनल में

Leave a Reply