telemedicine services in uttrakhand: मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक

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देहरादून: telemedicine services in uttrakhand: मुख्य सचिव डॉ एस.एस.संधु की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में उत्तराखण्ड में टेलीमेडिसिन सेवाओं के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए टेलीमेडिसिन लोगों के जीवन को बचाने के लिए एक अति महत्वपूर्ण योजना है। क्योंकि पर्वतीय क्षेत्रों में आपात स्थिति में पेशेन्ट्स का बेहतर सुविधाओं युक्त अस्पताल तक शीघ्रता से पहुंचना संभव नहीं हो पाता और जब तक मरीज अस्पताल तक पहुंचता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसी महत्व को देखते हुए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और सभी जनपदों के जिला प्रशासन को टेलीमेडिसिन को और बेहतर बनाने, लोगों तक सुगम कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने और इसके लिए किये जाने वाले सभी प्रकार के अवसंरचनात्मक प्रयासों को अमल में लाने के निर्देश दिये।

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कनेक्टिविटी आसान बनाने के लिए कम से कम दो-तीन आई0टी0 एक्सपर्ट की नियुक्ति

उन्होंने सचिव स्वास्थ्य को निर्देशित किया कि टेलीमेडिसिन सेवाओं को और कारगर बनाने के लिए इसके लिए एक डेडिकेटेड टीम की तैनाती की जाए जो केवल इसी कार्य को देखे। परामर्श चाहने वाले लोगों के लिए कनेक्टिविटी आसान बनाने के लिए कम से कम दो-तीन आई0टी0 एक्सपर्ट की नियुक्ति करें, साथ ही सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी अपने-अपने जनपदों में टेलीमेडिसिन हब इत्यादि में पेयजल, विद्युत, कनेक्टिविटी इत्यादि की अवसंरचनात्मक व्यवस्थाओं को बेहतर बनायें। इसके लिए चिकित्सकों तथा आई.टी. एक्सपर्ट की फीडबैक लेते हुए प्रभावी प्लान बनायें तथा टेलीमेडिसिन के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करें तथा चिकित्सा सुविधाओं का किसी भी प्रकार का दुरूपयोग रोकने के लिए मजबूत मॉनिटरिंग सिस्टम डेवलप करें।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में टेलीमेडिसिन को अग्रणी बनाने के लिए वैश्विक स्तर पर जो भी अच्छी तकनीक-अनुभव हो उस सबको इम्प्लिमेंट करें क्योंकि टेलीमेडिसिन सेवा उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो सकती है।

telemedicine services in uttrakhand: के अंतर्गत चिकित्सक अनिवार्य रूप से और शत्-प्रतिशत जेनेरिक दवाएं ही लिखेंगे

उन्होंने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को निर्देश दिये कि वे सभी चिकित्सकों को स्पष्ट निर्देश दें कि टेलीमेडिसिन सेवाओं के अंतर्गत चिकित्सक अनिवार्य रूप से और शत्-प्रतिशत जेनेरिक दवाएं ही लिखेंगे। किसी भी प्रकार से इसका उल्लंघन ना होने पाए, इसके लिए सख्त मॉनिटरिंग की जाए। साथ ही चिकित्सालयों में दवाएं, चिकित्सा उपकरण इत्यादि की किसी भी प्रकार की कमी ना होने पाये। इसके लिए दवा, चिकित्सा उपकरण इत्यादि के टेण्डर समय पर संपादित किये जायें और इसमें किसी भी प्रकार की देरी क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने तैनात होने वाले छोटे से बड़े सभी स्टॉफ को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करने और लोगों को बेहतर तरीके से डील करने के हुनर से अवगत कराने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि हम प्रदेश में टेलीमेडिसीन को प्रभावी बना पाये तो यह पलायन रोकने में भी मददगार रहेगी।

इस दौरान बैठक में सचिव श्री अमित नेगी, अपर सचिव श्रीमती सोनिका व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे तथा सभी जनपदों से जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।

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