चंपावत। First children science festiva जिले में आज प्रदेश के पहले सीमांत बाल विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में 6 सीमांत जिलों के बच्चे भाग ले रहे हैँ। चंपावत पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस महोत्सव (First children science festiva) का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह विज्ञान महोत्सव पूरे उत्तराखण्ड के लिए मॉडल बनेगा। हमने तय किया है कि एक के बाद एक हर सीमांत जनपद में ऐसे आयोजन हों।
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तकनीक के साथ राज्य के बच्चे आगे बढ़ें
प्रथम सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव (First children science festiva) का शुभारंभ करते हुए सीएम ने कहा, हम चाहते हैं कि देश और दुनिया की तकनीक के साथ हमारे राज्य के बच्चे आगे बढ़ें। आज ज्ञान विज्ञान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। हमारे प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि ऐसा कोई काम नहीं, जो ज्ञान विज्ञान के बिना संभव हो। इस शानदार आयोजन के लिए मैं यूकॉस्ट की ओर से आयोजित प्रथम सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव में पहुंचे सभी वैज्ञानिकों, बाल वैज्ञानिकों, छात्रों, शिक्षकों व अतिथिगणों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। इस बाल विज्ञान महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों तक विज्ञान की गूंज के साथ छात्रों में वैज्ञानिक सोच विकसित करना है।
विज्ञान और अनुसंधान पर विशेष ध्यान दे रही हमारी सरकार
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार विज्ञान और अनुसंधान पर विशेष रूप से ध्यान दे रही है। विज्ञान के बिना नवाचार का सपना साकार नहीं हो सकता है। राज्य में वैज्ञानिक सोच का विकास हो इसके लिए साइंस सिटी का काम तेजी से चल रहा है। प्रदेश में अंतरिक्ष विज्ञान संबंधी जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने के लिए हमारी सरकार हल्द्वानी में एस्ट्रो पार्क भी विकसित कर रही है। यह देश का पहला एस्ट्रो पार्क होगा।
हर जिले तक पहुंचेगी प्रयोगशाला
सीएम ने कहा कि राज्य के हर क्षेत्र तक अनुसन्धान और शोध गतिविधियों को पहुंचाने के लिए लैब्स ऑन व्हील का कांसेप्ट हम राज्य के हर जनपद के लिए लेकर आए हैं, ताकि राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक भी शोध और अनुसन्धान गतिविधियां पहुंच सकें।
इन्हें किया सम्मानित
इस अवसर पर महोत्सव में विशिष्ट व्यक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए पांच वैज्ञानिकों व व्यक्तियों जीएस रौतेला, देवेंद्र मेवाड़ी, कल्याण सिंह रावत, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, डॉ अशोक पंत को मुख्यमंत्री ने स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
सीएम ने बाल वैज्ञानिकों से की बात
महोत्सव में आयोजित संवाद कार्यक्रम के तहत सीएम ने सीमांत जिलों से आए बाल वैज्ञानिकों से भी संवाद कर उनकी जिज्ञासाओं को जाना तथा उन्हें आश्वस्त किया। बागेश्वर से आई बाल वैज्ञानिक प्रिया महर ने बागेश्वर की खोली गई अटल लैब को अन्य जनपदों में भी खोले जाने, चमोली से आई निकिता चमोली एवं उत्तरकाशी से आई अंकिता रावत द्वारा उनके जनपद में भी इसी प्रकार का विज्ञान महोत्सव का आयोजन कराए जाने की बात सीएम के समाने रखी।
वहीं, रूद्रप्रयाग जिले से आई मधु रावत ने उनके जिले में टिंकरिंग लैब खोलने, पिथौरागढ़ से आए बाल वैज्ञानिक लक्ष्य रौतेला ने अंतरिक्ष क्लब और लैब की स्थापना करने व चम्पावत की प्रियंका उप्रेती ने इस प्रकार के विज्ञान महोत्सव लगातार आयोजित करने की बात की। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा कार्यक्रम स्थल में लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी का भी अवलोकन कर वैज्ञानिकों व आयोजकों से जानकारी ली।
दो दिनी है ये महोत्सव
प्रथम सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव (First children science festiva) का आयोजन यूकॉस्ट की ओर से चंपावत के जवाहर नवोदय विद्यालय में किया जा रहा है। दो दिनी यह महोत्सव 20 नवंबर तक चलेगा। यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत के मुताबिक, राज्य के छह सीमांत जिलों उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ के 250 स्कूली बच्चे भाग ले रहे हैं। इसका उद्देश्य राज्य के दूरस्थ विद्यालयों के छात्रों को पारंपरिक ज्ञान के प्रति संवेदनशील बनाते हुए उनमें वैज्ञानिक सोच विकसित करना है। साथ ही आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का राज्य में वृहद विस्तार करना भी महोत्सव का उद्देश्य है।
ये होगा महोत्सव में
इस बाल विज्ञान महोत्सव में प्रतिभागियों को विज्ञान प्रदर्शनी, वैज्ञानिक कार्यशाला, दूरबीन के माध्यम से आकाश अवलोकन, तारामंडल शो, विज्ञान फिल्म शो आदि के माध्यम से आमंत्रित वैज्ञानिकों के साथ चर्चा करने, उनके व्याख्यान सुनकर उनसे मार्गदर्शन लेने का अवसर भी मिलेगा। 20 नवंबर को राज्यपाल ले. जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह समापन करेंगे।