देहरादून। ज्येष्ठता के आधार पर स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर उत्तराखंड की बेरोजगार एएनएम ने परेड मैदान से सीएम आवास कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें कनक चौक पर ही रोक लिया। इस पर बेरोजगार एएनएम वहीं धरने पर बैठ गई हैं।
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अध्यक्ष मधु जोशी ने कहा कि
उत्तराखंड बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम संघ की प्रांतीय अध्यक्ष मधु जोशी ने कहा कि वर्ष 2009 तक प्रशिक्षित एएनएम को नियमित नियुक्ति मिलती रही है। पर वर्ष 2011 में नियमित नियुक्ति के लिए जारी विज्ञप्ति के समय से विभाग के त्रुटिपूर्ण नियमों और निर्णयों के अधीन नियुक्तियों से सामान्य वर्ग की अधिकांश प्रशिक्षित वंचित होती आ रही हैं। वर्ष 2009 के बाद से वे नियुक्ति की आस लिए हैं, जबकि अन्य वर्ग की विज्ञान विषय से उत्तीर्ण वर्ष 2016 तक की एएनएम नियुक्ति पा चुकी हैं।
वर्तमान सरकार ने 8 मार्च 2018 को 380 पदों की विज्ञप्ति जारी की
उन्होंने शासन ने वर्ष 2016 में एक विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें 440 पदों में सामान्य वर्ग के लिए केवल 53 पदों को विज्ञापित किया गया। जबकि बाकी पद बैकलाग के लिए खोले गए। विभाग के गलत नियमों के कारण 53 पदों में भी सामान्य वर्ग के 20 पद ही भरे गए, जबकि 33 पद रिक्त रखे गए। सामान्य वर्ग की नाराजगी दूर करने के लिए वर्तमान सरकार ने 8 मार्च 2018 को 380 पदों की विज्ञप्ति जारी की, लेकिन मामला कोर्ट पहुंच गया और विज्ञप्ति त्रुटिपूर्ण व नियमानुसार न होने के कारण निरस्त करनी पड़ी।
उसके बाद से कोई विज्ञापन अभी तक जारी नहीं किया गया है। अब बताया जा रहा है कि नियुक्ति के लिए नई नियमावली पर विचार किया जा रहा है। वर्ष 2009 से वंचित अधिकांश अभ्यर्थियों की आयु 40-42 साल हो चुकी है। ऐसे में उनकी बढ़ती आयु व भविष्य का ख्याल करते हुए पुरानी नियमावली (ज्येष्ठता एवं श्रेष्ठता) के आधार पर एक सप्ताह के भीतर विज्ञप्ति जारी कर नियुक्ति दी जाए।
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