पटना। Bihar Politics : बिहार की सियासी गलियारे में एक बार फिर से कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की, सोमवार 3 जुलाई की शाम दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात पटना में एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास पर हुई। दोनों नेताओं के बीच करीब 15 मिनट तक यह बैठक चली। लंबे समय बाद दोनों करीबी नेताओं की मुलाकात ने बिहार की राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। महाराष्ट्र में बीते एक हफ्ते के दौरान जिस तरह से राजनीतिक घटनाक्रम बदले हैं, उससे बिहार की सियासत में भी फेरबदल के कयास लगाए जा रहे हैं।
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भाजपा के नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि बिहार में भी महाराष्ट्र जैसा खेला होगा। इस बीच सीएम नीतीश के साथ जदयू सांसद हरिवंश की मुलाकात से सियासी हलचल तेज हो गई है। हरिवंश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनों का बेहद करीबी माना जाता है।
बायकॉट के बावजूद नई संसद के उद्घाटन में गए हरिवंश
हालांकि, भाजपा में टूट के बाद नीतीश कुमार और हरिवंश के बीच भी राजनीतिक फासला बढ़ गया। जदयू द्वारा दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बायकॉट के बावजूद हरिवंश दिल्ली पहुंचे थे। इसपर जदयू ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी।
विधायकों-सांसदों से मुलाकात कर रहे हैं नीतीश (Bihar Politics)
बिहार में सियासी उलटफेर की अटकलें इसलिए भी तेज हैं क्योंकि नीतीश कुमार लगातार जदयू विधायकों और सांसदों से मुलाकात कर रहे हैं। इधर, भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लालू परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को सीबीआइ ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में लालू-राबड़ी के अलावा डिप्टी सीएम तेजस्वी को दूसरे आरोप पत्र में आरोपित बनाया है।
ये बात किसी से छिपी नहीं है कि नीतीश कुमार पाला बदलकर खेला करने में माहिर हैं। अबतक नीतीश कुमार पांच बार पाला बदल चुके हैं। पिछले साल अगस्त में उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद से हाथ मिला लिया था। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरह से राजनीतिक माहौल बनाया जा रहा है, उससे महागठबंधन में टूट ज्यादा अचरज की बात नहीं होगी। हाल ही में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मांझी ने नीतीश सरकार का साथ छोड़ एनडीए से हाथ मिला लिया।
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