तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की महापंचायत यूपी गेट पर जारी

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दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर बॉर्डर) पर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में धरना प्रदर्शन जारी है। इस बीच यूपी गेट पर किसानों की महापंचायत जारी है। जिसमें किसान आंदोलन के मद्देनजर कई अहम निर्णय लिए जा सकते हैं। पंचायत में शामिल होने के लिए मुजफ्फरनगर से भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत भी पहुंचे हैं। उनके साथ बड़ी संख्या में भाकियू कार्यकर्ता भी आए हैं।

किसान आंदोलन में शामिल किसान नेता गौरव टिकैत के मुताबिक उनके दादा और किसान नेता चैधरी महेंद्र सिंह टिकैत के गांव सिसौली मुजफ्फरनगर स्थित गांव में हर माह होने वाली पंचायत इस बार बुधवार को यूपी गेट पर आयोजित की जा रही है। इसमें आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस बीच खबर आई है कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्त नरेश टिकैत कुछ देर में आने वाले हैं। राकेश टिकैत फिलहाल यूपी गेट पर नहीं हैं।

उधर, पंचायत में उत्तर प्रदेश के सभी जिलाध्यक्ष शामिल हुए हैं। बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत पिछले शनिवार से पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे। इस बीच उन्होंने यूपी लौटते ही एलान किया है कि न केवल यूपी गेट पर पक्के निर्माण किए जाएंगे, बल्कि जरूरत पड़ने पर चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शन किया जाएगा। राकेश टिकैत के इस बयान से गौतमबुद्धनगर के साथ-साथ गाजियाबाद जिला प्रशासन भी सकते में हैं और हालात पर नजर रखना शुरू कर दिया है।

दिल्ली से आने वाली लेन खुली, मिली राहत

वहीं, तीन कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर चल रहा धरना बुधवार को भी जारी है। वहीं, तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को निकली ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए उपद्रव के बाद से यूपी गेट पर बंद राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ की दिल्ली से आने वाली लेन रविवार देर रात खुल गई। इससे दिल्ली से गाजियाबाद आने वाले वाहन चालकों को राहत मिली। हालांकि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की दिल्ली से आने वाली लेन यहां पर अब भी बंद है। वहीं, दिल्ली जाने वाली सभी लेनों पर प्रदर्शनकारियोंका कब्जा है। वाहन चालकों ने आने-जाने वाली सभी लेनों को खोलने की मांग की है।

यूपी गेट पर 28 नवंबर से प्रदर्शन चल रहा है। एक दिसंबर तक प्रदर्शनकारियों का फ्लाईओवर के नीचे कब्जा था। दो दिसंबर को फ्लाईओवर के ऊपर भी दिल्ली जाने वाली सभी लेनों पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया था। साथ ही हाईवे पर टेंट लगाकर मंच बना दिया था। दिल्ली से आने वाली सभी लेन खुली थीं। बीच-बीच में प्रदर्शन के दौरान कुछ घंटों के लिए आने वाली लेनों को भी बंद किया था, लेकिन उसे प्रशासन ने खुलवा दिया था।

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