Swami Prasad Maurya: व धर्म सिंह सैनी समाजवादी पार्टी में शामिल

0
137

लखनऊ। Swami Prasad Maurya:  उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से मंगलवार को इस्तीफा देने वाले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ डा.धर्म सिंह ने अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ भाजपा से इस्तीफा देने वाले छह विधायक भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।

Makar Sankranti festival: बिहू और पोंगल पर पीएम मोदी ने सभी देशवासियों को दी बधाई

ओबीसी वर्ग के कद्दावर नेता माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे। उनके साथ पूर्व मंत्री डॉ.धर्म सिंह सैनी भी थे। इन सभी को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई।

जनता को गुमराह कर उनकी आंखों में धूल झोंकी है और जनता का शोषण किया

स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस अवसर पर कहा कि आज भाजपा के खात्मे का शंखनाद बज गया है। भाजपा ने देश और प्रदेश की जनता को गुमराह कर उनकी आंखों में धूल झोंकी है और जनता का शोषण किया है। अब भाजपा का खात्मा करके उत्तर प्रदेश को भाजपा के शोषण से मुक्त कराना है। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट कार्यालय में सैकड़ों समर्थक ढोल नगाड़ों के साथ मौजूद थे। यह सभी लोग जश्न मना रहे थे।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि आज भाजपा के खात्मे का शंखनाद हो गया है। भाजपा ने देश और प्रदेश की जनता को गुमराह कर उनकी आंखों में धूल झोंकी है और जनता का शोषण किया है। अब भाजपा का खात्मा करके उत्तर प्रदेश को भाजपा के शोषण से मुक्त कराना है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कुछ लोग झूठे आरोप लगाकर मुझे बदनाम कर रहे हैं। भाजपा ने तो केशव प्रसाद मौर्य और स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम का इस्तेमाल कर सरकार बनाई थी। उन्होंने कि सरकार तो दलित व पिछड़े बनाएं और मलाई खाएं सब लोग। अब यह नहीं होगा। उन्होंने 69000 शिक्षकों की भर्ती में 19000 पदों पर सामान्य वर्ग के लोगों की नियुक्ति पर सवाल उठाए। मौर्य ने कहा कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के संवैधानिक अधिकारों को छीना है। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के पद पर बैठकर बंटवारे की लाइन खींची है। समाजवादी पार्टी तो अब लोहियावादियों की ही नहीं अंबेडकरवादियों की भी पार्टी बन गई। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा को 2017 से पहले की तरह 45 सीटों पर समेट देंगे।

पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में पिछड़ों, दलितों का राजनीतिक, आर्थिक, रोजगार और आरक्षण के क्षेत्र में पूरी तरह से शोषण हुआ। इसे देखते हुए हम पिछड़े, दलित वर्ग के लोग मकर संक्रांति के समय समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।

समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले नेता

स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya)  के साथ शुक्रवार को पूर्व मंत्री डा.धर्म सिंह सैनी, विधायक भगवती प्रसाद सागर, विनय शाक्य, रोशनलाल वर्मा, डा. मुकेश वर्मा, ब्रजेश प्रजापति व चौधरी अमर सिंह, पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, पूर्व मंत्री रामहेत भारती, पूर्व विधायक नीरज मौर्य, बलराम सैनी, राजेंद्र प्रसाद पटेल, विद्रोही धनपत राम मौर्य, बंशी पहाडिय़ा, अमर नाथ सिंह मौर्य, रामावतार सैनी, अली यूसुफ अली, आरके मौर्य, दामोदर मौर्य तथा बसपा प्रमुख मायावती के मुख्य सुरक्षा अधिकारी रहे पदम सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा की सहयोगी अपना दल-एस के सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ के विधायक चौधरी अमर सिंह भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।

स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है। 14 जनवरी मकर संक्रांति। स्वामी का बजा बिगुल क्रांति। बीजेपी का टूटा है भ्रांति। बीजेपी अंत का है शंखनादि।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार पर दलितों, पिछड़ों, किसानों, शिक्षित बेरोजगारों छोटे और मध्यम श्रेणी के व्यापारियों सहित जनप्रतिनिधियों की लगातार उपेक्षा का आरोप लगाया है। कभी बसपा में एक साथ राजनीति करने वाले डा. धर्म सिंह सैनी, विनय शाक्य, भगवती प्रसाद सागर और ब्रजेश प्रजापति भाजपा छोडऩे के लगातार बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पर एकजुट थे।

तीन मंत्रियों सहित 14 विधायक छोड़ चुके भाजपा, अपना दल के विधायक का भी इस्तीफा

कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान व डा. धर्म सिंह सैनी के साथ अवतार सिंह भड़ाना, माधुरी वर्मा, रोशनलाल वर्मा, भगवती प्रसाद सागर, ब्रजेश प्रजापति, राकेश राठौर, राधाकृष्ण शर्मा, दिग्विजय नारायण चतुर्वेदी उफ जय चौबे, विनय शाक्य, डा.मुकेश वर्मा और बाला प्रसाद अवस्थी ने भाजपा से त्याग पत्र दिया है। भाजपा के सहयोगी के अपना दल के विधायक चौधरी अमर सिंह ने भी इस्तीफा दिया है।

UK Election 2022: हल्की होती जेब पर भारी पड़ती उम्मीदें, उत्तराखंड में आय के सीमित संसाधन

Leave a Reply