Power Tariff in UP: चुनावी वर्ष में UP में नहीं लगेगा महंगी बिजली का झटका

0
314

लखनऊ। Power Tariff in UP: उत्तर प्रदेश सरकार जोरदार ढंग से 2022 के विधानसभा सभा चुनाव की तैयारी में लग गई है। चुनावी वर्ष के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली की दर अबकी न बढ़ाए जाने की घोषणा पहले ही कर दी थी। उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार को टैरिफ आर्डर जारी कर दिया है।

International Tiger Day: पीएम मोदी ने वाइल्डलाइफ प्रेमियों को दी बधाई

सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी

उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार टैरिफ जारी कर बिजली की दरें बढ़ाने के कयास को विराम दे दिया है। प्रदेश में बिजली की दरें यथावत रखी गई हैं। सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। उत्तर प्रदेश में मीटर लगाए जाने के बाद भी किसानों को अनमीटर्ड टैरिफ की सुविधा प्रदान की गई है। इस सुविधा से उनको पर्याप्त बिजली मिलने के साथ ही कोई अतिरिक्त धन भी नहीं देना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने सभी बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन के साथ ही साथ रेगुलेटरी सरचार्ज के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

बिजली कंपनियों पर अभी भी उपभोक्ताओं का 1059 करोड़ रुपया बाकी

Power Tariff in UP: मामले में नियामक आयोग ने 10 से 20 प्रतिशत रेगुलेटरी सरचार्ज को लगवाने का प्रस्ताव खारिज करवा दिया। इससे प्रदेश में वर्तमान बिजली दर आगे भी लागू रहेंगी। बिजली कंपनियों पर अभी भी उपभोक्ताओं का 1059 करोड़ रुपया बाकी है। बिजली दरों में कमी करने के उपभोक्ता परिषद् के प्रस्ताव पर सरकार तथा पावर कार्पोरेशन ने नहीं दिया साथ इसलिए दर को कम करने के स्थान पर यथावत ही रखा गया है। बिजली दर कम करने के लिए जल्द उपभोक्ता परिषद् पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा। इसके साथ ही बिजली कंपनी पर उपभोक्ताओ का अब तक कुल निकले करीब 20559 करोड़ के एवज में कमी का मुद्दा उठाएगा।

बिजली कम्पनियों के स्लैब परिवर्तन व रेगुलेटरी असेट को पूर्णता अस्वीकार

प्रदेश की पांच बिजली कंपनी मध्यांचल, पूर्वांचल, दक्षिणांचल व पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड एवं केस्को ने वर्ष 2021-22 के लिए दाखिल वाॢषक राजस्व आवश्कता टैरिफ प्रस्ताव सहित स्लैब परिवर्तन पर विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह के साथ सदस्यगण केके शर्मा व वीके श्रीवास्तव की पूर्ण पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुये यह आदेश जारी कर दिया है कि इस वर्ष बिजली दरों में कोई भी बदलाव नही किया जायेगा वर्तमान लागू टैरिफ ही आगे लागू रहेगी। वहीं उपभोक्ता परिषद की लड़ाई भी रंग लाई। आयोग ने बिजली कम्पनियों के स्लैब परिवर्तन व रेगुलेटरी असेट को पूर्णता अस्वीकार करते हुये खारिज कर दिया। वर्ष 2021-22 व ट्रू-अप 2019-20 के लिए बिजली कम्पनियों की भारी भरकम धनराशि को समाप्त कर दिया गया है।

किसानों को बड़ी राहत

इस टैरिफ आदेश से ग्रामीण किसान अब उहापोह में नहीं रहेंगे। उनके ट्यूबबेल पर भले मीटर लगे, लेकिन उनसे अनमीटर्ड 170 रुपया प्रति हार्स पावर की दर से ही वसूली की जायेगी। किसानों के निजी टूयूबबेल पर मीटर भले लग जाये लेकिन अब उनसे वसूली एलएमवी 5 की फिक्स 170 रुपया प्रति हार्स पावर प्रति माह की दर पर ही होगी।

बिजली दरों को कम कराने के लिए एक बार फिर से लामबंदी शुरू

Power Tariff in UP: में लम्बे समय से कयास चल रहा था कि बिजली कंपनियां दर बढ़ा सकती है, लेकिन नियामक आयोग ने जनता को बड़ी राहत दी है। उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरों को कम कराने के लिए एक बार फिर से लामबंदी शुरू कर दी थी। उपभोक्ता परिषद ने कहा था कि प्रदेश सरकार घरेलू, ग्रामीण, शहरी व किसानों सहित छोटे वाणिज्यिक संस्थानों की बिजली दरों में कमी के लिए विद्युत नियामक आयोग को जनहित में निर्देश दे, जिससे कोरोना संकट में आम जनता को राहत मिल सके। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से मांग की थी। सरकार कोरोना संकट में उपभोक्ताओं व किसानों की बिजली दरों में कमी करना चाहती है, तो नियामक आयोग को विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 108 के तहत निर्देश देकर कोविड राहत टैरिफ लागू कराए। प्रदेश का उपभोक्ता बिजली दरों में कमी को लेकर काफी उम्मीद लगाए है। सरकार उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे 19537 करोड़ रुपये के एवज में इस बार उपभोक्ताओं को राहत का तोहफा दिलाए। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि बीते वर्षों पर नजर डालें, तो प्रदेश में घरेलू, ग्रामीण व किसानों की बिजली दरें काफी बढ़ी हैं। महंगी बिजली देने वाले टॉप फाइव प्रदेशों में यूपी भी शामिल है।

Chardham Yatra 2021: शुरू करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई

Leave a Reply