प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार पी के सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पी के सिन्हा ने इस्तीफे के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है। नृपेंद्र मिश्रा के इस्तीफे के बाद 2019 से यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे। बताया जा रहा है कि सोमवार को ही पी के सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
पूर्व कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा को पीएम नरेंद्र मोदी का प्रमुख सलाहकार 2019 में नियुक्त किया गया था। सिन्हा को प्रधानमंत्री कार्यालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) नियुक्त किया गया था। हालांकि इस्तीफे पर सरकार की ओर से अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर अब भी उनका ही नाम है।
1977 बैच के सचिवों में सबसे सीनियर थे सिन्हा
पी के सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत इलाहाबाद में अस्टिटेंट कलेक्टर के रूप में की थी। पूर्व में 2015 मे केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार ने कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया था। कैबिनेट सचिव का कार्यकाल अमूमन दो साल तक ही होता है। यूपी काडर के आईएएस अधिकारी पी के सिन्हा इससे पहले पावर सेक्रटरी थे। वह 1977 बैच के सचिवों में वह सबसे सीनियर थे और इसलिए उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए उन्हें कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया था।