Manipur Violence : मणिपुर में जारी हिंसा के बीच 10 जून तक इंटरनेट बैन

0
301

इंफाल। Manipur Violence : 5 जून की रात एक बार फिर से मणिपुर में हिंसा भड़क उठी। इसमें बीएसएफ के एक जवान की मौत हो गई। वहीं, असम राइफल्स के दो सैनिक घायल हो गए हैं। इस बीच भारतीय सेना ने एक बयान जारी किया है। सेना ने कहा कि पिछले 48 घंटों में आगजनी/हिंसा को रोकने के लिए असम राइफल्स के 5 और बीएसएफ के 2 सैनिकों को क्षेत्र में फिर से तैनात किया गया था।

Uttarakhand Police Recruitment : 1425 अभ्यर्थियों को उत्तराखंड पुलिस में दी गई नियुक्ति

सुगनू-सेरो में चला रहे तलाशी अभियान

सेना ने कहा कि इनपुट विद्रोहियों के हताहत होने का संकेत देते हैं। इसकी जमीनी जांच की जा रही है। प्रारंभिक तलाशी के दौरान सामान्य क्षेत्र से दो एके सीरीज राइफलें, एक 51 मिमी मोर्टार, दो कार्बाइन, गोला-बारूद और युद्ध के सामान बरामद किए गए है। भारतीय सेना के अनुसार, क्षेत्र को साफ करने के लिए अभियान जारी है।

10 जून तक इंटरनेट बैन

हिंसा के बीच मणिपुर की सरकार ने इंटरनेट पर प्रतिबंध (Manipur Violence) को 10 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। राज्य में तीन मई से इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा हुआ है। आयुक्त (गृह) एच ज्ञान प्रकाश द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड सहित मोबाइल डेटा सेवाओं का निलंबन 10 जून की दोपहर तीन बजे तक जारी रहेगा। राज्य में एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में करीब 98 लोगों की जान चली गई थी और 310 अन्य घायल हो गए थे। कुल 37,450 लोग वर्तमान में 272 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।

मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को पूर्वोत्तर राज्य में पहली बार झड़पें हुई थी। मेइती मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और यह पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए करीब 10,000 सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।

Odisha Train Accident : साजिश या गलती ? अधिकारी ने जताई साजिश की आशंका