Lachit Borphukan Birth Anniversary : PM बोले- भारत का इतिहास योद्धाओं का इतिहास है

0
109

नई दिल्ली। Lachit Borphukan Birth Anniversary  पूर्वोत्तर से मुगल सेना को भगाने और युद्ध में धूल चटाने वाले अहोम साम्राज्य के सेनापति लचित बोरफुकन की 400वीं जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिस्सा लिया। लचित की जयंती के समापन समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें लचित बोरफुकन की 400वीं जयंती (Lachit Borphukan Birth Anniversary)  मनाने का अवसर ऐसे समय में मिला है जब देश अपनी आजादी का अमृत काल मना रहा है। यह ऐतिहासिक अवसर असम के इतिहास का एक गौरवपूर्ण अध्याय है।

Gujarat Election 2022 : पीएम ने कांग्रेस और AAP पर साधा निशाना

पीएम बोले- हमें साजिशन गुलामी का इतिहास पढ़ाया गया

समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद भी हमें वही इतिहास पढ़ाया गया जिसको गुलामी के कालखंड में साजिशन रचा गया। आजादी के बाद आवश्यकता थी कि गुलामी के एजेंडे को बदला जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

अब अपने नायकों को गर्व से याद कर रहा देश

पीएम मोदी ने कहा कि अब देश गुलामी की मानसिकता को छोड़ अपनी विरासत पर गर्व करने के भाव से भरा हुआ है। आज भारत न सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विविधता को मना रहा है बल्कि अपनी संस्कृति के ऐतिहासिक नायक-नायिकाओं को गर्व से याद भी कर रहा है। पीएम ने आगे कहा कि लचित बरफुकन जैसी महान हस्तियां और भारत मां की अमर संतान इस अमृत काल के संकल्पों की पूर्ति के लिए हमारे प्रेरणास्त्रोत हैं।

पीएम ने प्रदर्शनी का दौरा किया

दिल्ली के विज्ञान भवन में चल रहे इस समारोह का उद्घाटन असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने किया था। पीएम मोदी ने सरमा के साथ समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित प्रदर्शनी का दौरा भी किया। पीएम ने इसके बाद लचित की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि भी दी। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अलावा राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य लोग शामिल हुए।

सरमा बोले- पीएम ने गुमनाम नायकों को असली पहचान दिलाई

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने समारोह में कुछ इतिहासकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ औरंगजेब, बाबर, जहांगीर या हुमायूं की कहानी नहीं है। भारत लचित बरफुकन, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोबिंद सिंह, दुर्गादास राठौर का है। वहीं, उन्होंने कार्यक्रम में पीएम मोदी की तारीफ की, सरमा ने कहा कि पीएम ने हमेशा हमें अपने इतिहास, गुमनाम नायकों को उनकी असली पहचान दिलाने के लिए प्रेरित किया है।

लचित बोरफुकन ने दिया आत्मानिर्भर भारत का मंत्र

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि आत्मानिर्भर भारत की यात्रा तब शुरू हुई थी जब लचित बोरफुकन ने मुगलों से लड़ाई लड़ने के लिए असम के आम लोगों द्वारा बनाए गए हथियार और उपकरण का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल से जुड़ने लचित को एक सच्ची श्रद्धांजलि है।

पूर्वोत्तर का शिवाजी के नाम से जाने जाते हैं लचित बोरफुकन

शिवाजी की तरह मुगलों को युद्ध में धूल चटाने के चलते लचित बोरफुकन को पूर्वोत्तर का शिवाजी भी कहा जाता है। जिस समय मुगलों से लोग डरा करते थे उस समय लचित ने उनकों को कई दफा मात दी और रणनीति फेल कर युद्ध के मैदान में हराया था। गुवाहाटी पर मुगलों का कब्जा होने के बाद लचित ने ही शिवाजी की तरह मुगलों को बाहर का रास्ता दिखाया था।

Jama Masjid dehli: जामा मस्जिद प्रबंधन को नोटिस जारी करेगा राष्ट्रीय महिला आयोग