कानपुर। Kanpur Dead Body Case: रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी में आयकर विभाग कर्मी विमलेश गौतम की मौत के बाद 17 माह तक शव घर पर रखने के मामले में बुधवार को एडिशनल डीसीपी पश्चिम ने परिवार वालों से 40 मिनट तक पूछताछ की। उन्होंने इतने दिन तक घर में शव कैसे रखने और आयकर विभाग से वेतन आदि के बारे में सवाल किए, जिसका घरवालों ने जवाब दिया। अबतक की पूछताछ में स्वजन का भावनात्मक जुड़ाव होना मान रही है और अब मनोचिकित्सक से बात कराने के बाद आगे की कार्रवाई करने की बात कह रही है।
Lata Mangeshkar Jayanti: अयोध्या में लता मंगेशकर की स्मृति में चौक का नामकरण
रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी में रहने वाले 35 वर्षीय विमलेश गौतम हैदराबाद में आयकर विभाग में तैनात थे। परिवार में उनके पिता राम औतार, मां रामदुलारी, पत्नी मिताली, भाई सुनील और दिनेश हैं। बीते शुक्रवार को आयकर विभाग से मिले पत्र पर सीएमओ ने टीम घर भेजी थी, जिसमें 17 माह से उनका शव घर पर रखने की जानकारी सामने आई थी। पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम चार घंटे की मशक्कत के बाद घरवालों को बेहतर उपचार की बात कहकर शव को एल एलआर अस्पताल हैलट लेकर आए थे।
एलएलआर अस्पताल में डाक्टरों ने मृत बताया था लेकिन घरवाले फिर भी मानने को तैयार नहीं हो रहे थे। बाद में ईसीजी कराने पर विमलेश की मौत की पुष्टि पर घर वाले शव लेकर चले गए थे। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के समझाने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया था। इस पूरे घटनाक्रम में कई सवाल उठ रहे थे, जिन्हें लेकर पुलिस ने जांच शुरू की है। पुलिस आयुक्त ने सीएमओ से परिवारवालों का मेंटल टेस्ट कराने का आग्रह किया है। वहीं एडिशनल डीसीपी के नेतृत्व में मामले की जांच सौंपी है।
इसी क्रम में बुधवार को एडिशनल डीसीपी (Kanpur Dead Body Case) पश्चिम टीम लेकर जांच के लिए मृतक विमलेश के घर पहुंचे। उन्होंने करीब 40 मिनट तक परिवार के सदस्यों से अलग अलग पूछताछ की। उन्होंने घरवालों से इतने दिन तक शव को कैसे सुरक्षित रखा, किस डॉक्टर को घर बुलाते रहे और आयकर विभाग से वेतन को लेकर सवाल किए।
स्वजन ने शव पर किसी भी तरह का लेप लगाने से इंकार किया है। स्वजन का कहना था कि वह लोग प्रतिदिन विमलेश के शरीर की सफाई करते थे और डेटाल डालकर पानी से पोछते थे । अप्रैल 2021 से अब तक कोई वेतन उनके खाते से आहरित न होने की भी बात सामने आई। एडिशनल डीसीपी पश्चिम लखन यादव ने बताया संबंधित विभागों से पत्राचार करके और जानकारियां जुटाई जा रही हैं। मनोचिकित्सक से भी बात करने के बाद कारवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।