INTERPOL General Assembly: PM बोले, आतंक के खिलाफ विश्व को होना होगा एकजुट

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नई दिल्ली। INTERPOL General Assembly:   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समय भारत और इंटरपोल दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। भारत 2022 में आजादी के 75 साल मना रहा है। यह हमारी संस्कृति, लोगों और उपलब्धियों का उत्सव है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि आतंक के खिलाफ विश्व को एकजुट होना होगा। इंटरपोल महासभा की बैठक में 195 इंटरपोल सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हैं। इसमें मंत्री, देशों के पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इंटरपोल महासभा की बैठक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए 2 प्रतिनिधिमंडल भी आए हैं। इसमें पाकिस्तान समेत 195 इंटरपोल सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल हिस्सा ले रहे हैं।

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INTERPOL General Assembly में पीएम के संबोधन की खास बातें

– पीएम मोदी ने कहा कि विविधता और लोकतंत्र को कायम रखने में भारत दुनिया के लिए एक केस स्टडी है। पिछले 99 सालों में इंटरपोल ने 195 देशों में विश्व स्तर पर पुलिस संगठनों को जोड़ा है। यह कानूनी ढांचे में मतभेदों के बावजूद है।

– पीएम मोदी ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में बहादुर लोगों को भेजने में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है। अपनी आजादी से पहले भी हमने दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए बलिदान दिया है। भारतीय पुलिस बल 900 से अधिक राष्ट्रीय और 10,000 राज्य कानूनों को लागू करता है।

– पीएम मोदी ने कहा कि इंटरपोल की अवधारणा भारतीय दर्शन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ती है। इंटरपोल का आदर्श वाक्य ‘एक सुरक्षित दुनिया के लिए पुलिस को जोड़ना’ है। साथ ही कहा कि दुनिया के सबसे पुराने धर्मग्रंथों में से एक वेद का एक श्लोक कहता है कि ‘महान विचारों को अंदर आने दो’।

– इंटरपोल महासभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आनन्दित होने और चिंतन करने का यह अच्छा समय है। असफलताओं से सीखें, जीत का जश्न मनाएं और फिर भविष्य को उम्मीदों के साथ देखें।

– पीएम मोदी ने कहा कि यह दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए सार्वभौमिक सहयोग का आह्वान है। भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है।

– पीएम मोदी ने कहा कि इंटरपोल भी एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के करीब पहुंच रहा है। 2023 में इंटरपोल अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा।

– दिल्ली के प्रगति मैदान में यह कार्यक्रम हो रहा है। इंटरपोल की 90वीं महासभा 18 से 21 अक्टूबर तक होगी।

आज से शुरू हो रहे इस महासभा में इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रायसी, महासचिव जुर्गन स्टॉक और केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक भी मौजूद हैं।

भारत में 25 साल के बाद हो रही यह बैठक

महासभा इंटरपोल (INTERPOL General Assembly) एक सर्वोच्च सरकारी निकाय है। इसके कामकाज से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए साल में एक बार बैठक आयोजित होती है। भारत में लगभग 25 सालों के अंतराल के बाद इंटरपोल महासभा की बैठक हो रही है। यह आखिरी बार भारत में 1997 में आयोजित किया गया था।

महासभा ने स्वीकारा भारत का प्रस्ताव

भारत के 2022 में स्वतंत्रता के 75 साल के उत्सव के अवसर पर इंटरपोल महासभा की मेजबानी करने के प्रस्ताव को महासभा ने भारी बहुमत के साथ स्वीकार कर लिया था। यह आयोजन पूरी दुनिया को भारत की कानून और व्यवस्था प्रणाली में सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।

Interpol बैठक का यह है प्रमुख उद्देश्य

इंटरपोल की प्रमुख भूमिका दुनियाभर की पुलिस एजेंसियों को दुनिया को एक सुरक्षित जगह बनाने के लिए मिलकर काम करने में मदद करना है। ऐसा करने के लिए संगठन एजेंसियों को अपराधों और अपराधियों पर डेटा साझा करने और एक्सेस करने में सक्षम बनाता है। कई प्रकार की तकनीकी और परिचालन सहायता प्रदान करता है। इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने कहा कि बैठक का उद्देश्य सदस्य देशों को कई प्रकार की विशेषज्ञता और सेवाएं प्रदान करता है।

CBI ने Interpol के साथ किए कुछ सफल ऑपरेशन

सीबीआई के विशेष निदेशक प्रवीण सिन्हा ने कहा कि हाल के दिनों में इंटरपोल की मदद से बच्चों के यौन शोषण, साइबर धोखाधड़ी और नशीले पदार्थों के संबंध में कई वैश्विक अभियान चलाए गए। सिन्हा ने कहा कि सीबीआई ने इंटरपोल के साथ कुछ सफल ऑपरेशन किए हैं। इनमें ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन चक्र और ऑपरेशन गार्ड शामिल हैं। हीरा व्यापारी नीरव मोदी को भी इंटरपोल के अनुरोध पर यूके पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

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