नई दिल्ली। Brij Bhushan Case : गुरुवार को भाजपा सांसद बृजभूषण शरण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने नाबालिग महिला पहलवानों द्वारा दायर किए गए केस में आज पटियाला हाउस कोर्ट में 550 पन्नों की निरस्तीकरण रिपोर्ट दायर की है। बताया जा रहा है कि इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही होगी कि नहीं इसका फैसला अदालत करेगी। साथ ही साथ 4 जुलाई को कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तय की है।
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25 लोगों की गवाही आरोपपत्र में दर्ज
इन 25 लोगों में शिकायतकर्ता पहलवान, बजरंग पूनिया-एक पहलवान की दो बहनें, कोच, रेफरी और रोहतक के महावीर अखाड़े के लोग शामिल हैं। इस मामले में 25 लोगों की गवाही आरोपपत्र में दर्ज की गई है।
धारा 161 के तहत नाबालिग का बयान दर्ज
पुलिस अधिकारी के अनुसार एक महिला पहलवान ने खुद को नाबालिग बताकर भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण (Brij Bhushan Case) किए जाने का आरोप लगाया था। पुलिस द्वारा पहले धारा 161 के तहत बयान दर्ज करने पर उसने खुद को नाबालिग बताया था। कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 के तहत दर्ज कराए गए बयान में भी उसने खुद को नाबालिग बताया था।
स्कूल से जन्म प्रमाण पत्र मिलने से पीड़िता बालिग होने की पुष्टि
लेकिन जांच के दौरान जब पुलिस को उसके रोहतक स्थित स्कूल से जन्म प्रमाण पत्र मिलने से उसके बालिग होने की पुष्टि हुई तब मामला एकदम से पलट गया। उसके बाद पीड़िता को भय सताने लगा कि नाबालिग होने की झूठी बात बताने पर कहीं उसके खिलाफ पुलिस मुकदमा न दर्ज कर लें। इसलिए उसने एसआईटी से संपर्क कर धारा 164 के तहत दोबारा बयान देने की इच्छा जाहिर की।
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