वाराणसी। Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान सोमवार को साक्ष्य के तौर पर शिवलिंग मिलने के बाद से ही अधिवक्ताओं की ओर से अदालत में इस बाबत एक प्रार्थना पत्र देकर इसकी सुरक्षा को लेकर आदेश जारी करने का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि आदि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग का असली स्थान ज्ञानवापी ही था। जिसकी ओर काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में मौजूद नंदी का मुख सदियों से विद्यमान है। हिंदू मान्यता के अनुसार नंदी का मुख सदैव शिवलिंग की ओर ही होता है। ऐसे में नंदी की मूर्ति का मुख ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid Case) की ओर होने की वजह से ही हिंदू पक्ष की ओर से मस्जिद के सर्वे की मांग लंबे समय से उठ रही थी।
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कार्रवाई की रिपोर्ट को प्रार्थना पत्र के साथ सोमवार को प्रस्तुत
इस बाबत अधिवक्ता हरिशंकर जैन की ओर से प्रस्तुत कार्रवाई की रिपोर्ट को प्रार्थना पत्र के साथ सोमवार को प्रस्तुत किया गया। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि दिनांक 16 मई को शिवलिंग मस्जिद कांप्लेक्स के अंदर एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन कार्यवाही के दौराना पाया गया है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है इसलिए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दें। जिलाधिकारी वाराणसी को आदेशित किया जाए कि वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें। मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से भी तत्काल रोक दिया जाए। पत्र में कहा गया है कि – मेरे द्वारा संपूर्ण पत्रावली का परिसीमन किया गया है।
16 मई को शिवलिंग मस्जिद कांप्लेक्स के अंदर दौरान कमीशन पाया गया
वादी गण द्वारा प्रस्तुत कर कहा गया कि आज दिनांक 16 मई को शिवलिंग मस्जिद कांप्लेक्स के अंदर दौरान कमीशन पाया गया यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है। इसलिए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दे। शिवलिंग को उसे संरक्षित किया जाना अति आवश्यक है, न्याय हित में प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने योग्य है।
इस पत्र के प्राप्त होने के बाद अदालत ने दोपहर 12 बजे इस बाबत अदालत की ओर से आदेश जारी कर दिया। अदालत ने आदेश दिया है कि – ‘जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें। सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी तथा सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि इस स्थान को सील किया जाए।
उस स्थान को संरक्षित व सुरक्षित रखने की पूर्णता व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी। उपरोक्त आदेश को सील करने के बाबत निरीक्षण प्रशासन द्वारा क्या-क्या किया गया है इस के सुपर विजन की जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय उत्तर प्रदेश लखनऊ तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ की होगी। वाद लिपिक को आदेशित किया जाता है कि अविलंब इसकी आदेश की प्रति संबंधित अधिकारीगण को नियमानुसार प्रेषित कर सुनिश्चित करें। यह आदेश रवि कुमार दिवाकर सिविल जज सीनियर डिविजन वाराणसी की ओर से जारी किया गया है।’
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