नई दिल्ली। Fourth Wave of Corona: चीन, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और जर्मनी में कोरोना वायरस के सर्वाधिक मरीज मिल रहे हैं। कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के पीछे ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट को वजह माना जा रहा है। ब्राजील में एक बार फिर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दुनिया में कोरोना महामारी के मामलों में वृद्धि चौथी लहर का संकेत माना जा रहा है। इसके अलावा कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर भी खबरें आ रही हैं। चीन में कोरोना महामारी को रोकने के लिए लाकडाउन का उपबंध किया गया है। चीन में तीन करोड़ से ज्यादा लोग लाकडाउन में रहने को विवश है। चीन और ब्राजील में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए भारत में लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। ऐसे में एक्सपर्ट के जरिए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर कोरोना के ये बढ़ते केस किस ओर इशारा कर रहे हैं। आपको आने वाले वक्त में किस तरह से ध्यान रखने की जरूरत है।
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कोरोना का नया सब-वेरिएंट स्टील्थ
कोरोना का नया सब-वेरिएंट स्टील्थ ओमीक्रोन सामने आया है। इसे BA-2 के नाम से भी जाना जाता है। ओमीक्रोन के सब वैरिएंट BA-2 की वजह से यूरोप में कोरोना के मामलों में भारी बृद्धि हुई है। भारत में फिलहाल कोरोना के मामलों में भारी गिरवाट देखी जा रही है, लेकिन विशेषज्ञ पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि देश में कोरोना की चौथी लहर आ सकती है। एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में कोरोना के मामलों में वृद्धि को देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह राज्यों को कोरोना की चौथी लहर को रोकने के लिए एहतियाती उपाय करने के लिए सचेत किया था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या देश में कोरोना की चौथी लहर आने के संकेत मिल चुके है।
1- डा. पीएन अरोड़ा का कहना है कि हम कोरोना की कुछ लहरों से गुजर चुके हैं। यह वैज्ञानिकों का विषय है जो यह पता लगाते हैं कि चौथी लहर आ सकती है या नहीं। यह पूरी तरह से अनुमानित होता है। वैज्ञानिक एक मैथड के जरिए एक माडल तैयार करते हैं, जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि कोरोना का प्रसार किस देश में हो रहा है और इसका अगला निशाना कौन सा देश हो सकता है। यह इस थ्योरी पर काम करता है कि यह पहले कैसे हुआ था और सौ साल पहले ऐसा ही एपिडेमिक हुआ था तो उस समय कैसे हुआ था। उन्होंने कहा कि यह अभी अनुमान है कि हो सकता जून में हमारे यहां चौथी लहर आए। उन्होंने कहा कि यह प्रिडिक्शन आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने किया था। यह सरकार का दावा नहीं है।
2- डा. अरोड़ा का कहना है कि भारत में चौथी लहर आने का पूर्वानुमान है। उन्होंने कहा कि भारत में अधिकतर लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। उन्होंने कहा कि एक बार वे प्राकृतिक रूप से संक्रमित हो चुके हैं। इसलिए अगर लहर आती भी है तो अस्पताल में भर्ती होने और मौतों के संदर्भ में नतीजे प्रबंध करने योग्य होंगे, बशर्ते वायरस का कोई नया वैरिएंट न आ जाए। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या तेजी से घट रही है। मौजूदा स्थिति को देखकर हम निश्चित तौर पर भविष्य में नई लहर आने के बारे में नहीं कह सकते हैं। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
3- वायरस सर्वाइव करने की कोशिश करता रहता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को एस्केप करने के लिए वह हर बार अपने रूप को बदल लेता है। इसको हम मेडिकल भाषा में वैरिएंट बोलते हैं। अभी क्योंकि तीसरी लहर ढलान में है तो अभी कह सकते हैं कि मामले नियंत्रण में हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के मामले को बढ़ने में समय नहीं लगेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सावधानी और टीका ही इसका बचाव है। उन्होंने कहा कि अगर आपने कोरोना का टीका नहीं लिया है तो इसे वक्त रहते जरूर लीजिए। इसके साथ कोरोना प्रोटोकाल का पालन बेहद जरूरी है।
दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना का कोहराम
1- गौरतलब है कि यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना की लहर चिंताजनक रफ्तार से ऊपर जा रही है। दक्षिण पूर्व एशिया की बात करें तो चीन में 14 महीने बाद कोरोना ने दो की जान ली है। हांगकांग में स्थिति चिंताजनक है। हांगकांग में कोरोना के मामले दस लाख पार कर गए हैं। वहां यह वायरस अब तक 5,401 जानें ले चुका है। शवों को रेफ्रिजेरेटेड शिपिंग कंटेनरों में रखना पड़ रहा है, क्योंकि ताबूत खत्म हो गए हैं या बहुत मुश्किल से मिल रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंता दक्षिण कोरिया में है, जहां कोरोना के कुल मामले 90 लाख पार कर गए हैं। इनमें से 16 फीसद मामले तीन दिन में आए हैं।
2- यूरोप में फ्रांस, इंग्लैंड और इटली में एक हफ्ते के भीतर मामलों में 30 फीसद से ज्यादा की वृद्धि देखी गई है। दुनियाभर में रोज आने वाले कोरोना के मामलों के औसत में पिछले हफ्ते के मुकाबले 12 फीसद का इजाफा हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कोरोना के आंकड़ों में यह उछाल ‘टिप आफ द आइसबर्ग’ है यानी महामारी जितनी बड़ी दिख रही है, असल में तस्वीर उससे ज्यादा भयावह है। महामारी इतनी जल्द खत्म नहीं होने वाली। हम लोग अभी महामारी के बीच में हैं।
केंद्र सरकार का राज्यों को सुझाव
चीन और ब्राजील समेत एशिया के कई देशों में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहले के मुकाबले पांच गुना अधिक रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखने का सुझाव दिया है। इसमें उपचार, टेस्टिंग और वैक्सीनेशन और कोरोना उपयुक्त व्यवहार का पालन शामिल है। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि प्रोटोकाल के अनुसार प्रहरी साइटों के माध्यम से पर्याप्त संख्या में सैंपल इंसाकोग नेटवर्क को प्रस्तुत किए जाएं।