नई दिल्ली/सोनीपत। Farmers protest update : कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों से अब बार्डर खाली होने लगे हैं। टेंट हटने के साथ ही एनएचएआइ और नगर निगम की टीमें यहां सफाई और मरम्मत का काम करने लगी है। उम्मीद लगाई जा रही है कि अगले सप्ताह तक इन सभी सड़कों को इस तरह से कर दिया जाएगा कि कि वाहन चालक यहां फिर से फर्राटा भरने लगेंगे। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि अभी तीनों बार्डरों पर पूरी तरह से वाहनों के फर्राटा भरने में अधिकतम तीन से चार दिन का समय और लगेगा। जिन सीमाओं पर सड़कें अधिक खराब नहीं हुई हैं वहां तो उसे जल्दी वाहन चालकों के लिए खोल दिया जाएगा मगर जहां अधिक नुकसान हुआ है उसको पूरी तरह से रिपेयर करने के बाद ही खोला जाएगा।
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एनएचएआइ की टीम ने रविवार को भी कुछ अधिकारियों के साथ यहां का दौरा
यूपी गेट की बात करें तो नगर निगम ने अपनी एक टीम यहां सफाई के लिए लगा दिया है। इसके अलावा एनएचएआइ ने भी अपनी एक टीम को टूटी सड़कों और अन्य चीजों की रिपेयरिंग के लिए लगा दिया है। कुछ कर्मचारी यहां सोमवार को काम करते भी देखे गए। एनएचएआइ की टीम ने रविवार को भी कुछ अधिकारियों के साथ यहां का दौरा किया था, टीम सबसे पहले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे को खोलना चाह रही है। क्योंकि इस पर बहुत अधिक टेंट नहीं लगे थे, मंच बना हुआ था वो हट चुका है। यहां खोड़ा के पास से सर्विस लेन पर सबसे अधिक टेंट लगे हुए हैं, इनको हटाए जाने का काम चल रहा है। इस सप्ताह सभी टेंटों के हट जाने की उम्मीद है उसके बाद उसे वाहन चालकों के चलने के लायक कर दिया जाएगा।
किसान आंदोलन (Farmers protest update) उधर कुंडली बार्डर से किसानों के हटते ही जीटी रोड को चालू करने की तैयारी शुरू हो गई है। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) ने करीब 10 जेसीबी व दर्जनों कामगारों की मदद से रोड को साफ करने का काम शुरू किया। पहले दिन दोनों ओर के करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा गड्ढों को भर दिया गया और ऊबड़-खाबड़ रोड को समतल किया गया। करीब दस किलोमीटर क्षेत्र में पड़ाव डाले प्रदर्शनकारियों के झोपड़ियों के मलबे, ईंट-पत्थरों को भी हटाने का काम किया जा रहा है। दिल्ली की ओर से भी बैरिकेड्स व कंक्रीट की दीवारों को हटाने का काम शुरू हो गया है। रोड पर लगाई गई कीलों को हटा लिया गया था। अधिकारियों का दावा है कि सोमवार को एक तरफ का सर्विस रोड पूरी तरह से चालू हो जाएगा।
जीटी रोड पर कुंडली बार्डर से केजीपी-केएमपी के जीरो प्वाइंट तक करीब 10 किलोमीटर के क्षेत्र में एक साल से प्रदर्शनकारी किसान डेरा डाले बैठे थे। किसानों ने रहने के लिए रोड पर झोपड़ियां बनाने के साथ ही टेंट व टीन शेड भी गाड़ दिए थे। मुख्य रोड बंद होने के कारण इस क्षेत्र में सर्विस रोड से ही आवागमन होता था। ऐसे में सर्विस रोड भी पूरी तरह से तहस-नहस हो चुका है। अब जबकि किसान लौट चुके हैं तो कुंडली में एनएचएआइ ने रोड की सफाई और मरम्मत के लिए पूरा अमला उतार दिया है।
सर्विस रोड को आम वाहन के लिए पूरी तरह से तैयार
एनएचएआइ का टारगेट है कि 15 दिसंबर से पहले दोनों ओर के सर्विस रोड को आम वाहन के लिए पूरी तरह से तैयार कर दिया जाए। रविवार को रोड पर पड़े मलबा को हटाने का काम शुरू किया गया। जेसीबी की मदद से रोड पर बनाए गए ईंटों के थड़े, छोटे-मोटे पक्के निर्माण, पत्थरों के बैरिकेड आदि हटाए गए। शाम तक लगभग 50 फीसद काम पूरा हो चुका था। सड़क को समतल किया गया और मलबे के ढेरों को भी उठाया गया। माना जा रहा है कि दो दिनों के भीतर जीटी रोड के जरिये दिल्ली आवागमन शुरू हो सकेगा।
उधर सोनीपत से मिली सूचना के अनुसार किसान आंदोलन (Farmers protest update) के बाद एक साल से ज्यादा वक्त से बंद जीटी रोड सोमवार शाम से दोबारा आवागमन के लिए खुल सकता है। दिल्ली पुलिस और एनएचएआइ के साथ को-आर्डिनेशन के बाद सोनीपत पुलिस ने दी जानकारी। पुलिस के अनुसार सोमवार शाम को जीटी रोड का दिल्ली से पानीपत वाला लेन वाहनाें के लिए खोला जाएगा। सोनीपत की सीमा में कुंडली बार्डर तक रोड का यह लेन बिल्कुल साफ है। केवल दिल्ली की सीमा में दिल्ली पुलिस की ओर से लगाए गए भारी बैरिकेड्स इसमें बाधा बने हुए हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से इसे हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने बताया कि दोपहर बाद तक एक लेन को साफ कर दिया जाएगा, जिसके बाद शाम से वाहनों का आवागमन शुरू हो सकता है।
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