Banke Bihari Temple: वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में कैसे हुआ हादसा

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Banke Bihari Temple:  जन्माष्टमी पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में हुए हादसे का कारण क्षमता से अधिक भीड़ आना बताया जा रहा है। शुक्रवार की रात मंदिर परिसर में मंगला आरती के दौरान हजारों की तादाद में श्रद्धालु प्रवेश कर गए थे। भीड़ के दबाव में कई लोग गिर गए, जिससे अफरातफरी मच गई। हरियाणा के फरीदाबाद निवासी नेत्रपाल भी अपने परिवार के साथ जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन को आए थे। किसी तरह वह भीड़ से बचकर बाहर निकले और परिवार के लोगों को भी सुरक्षित निकाला। नेत्रपाल ने घटना का आंखों देखा हाल बताया तो वह सिहर उठे। उन्होंने कहा कि एक बार वह भी घबरा गए थे कि भीड़ से बचकर कैसे बाहर निकलेंगे।

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बता दें कि बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) में शुक्रवार की रात मंगला आरती के दौरान भीड़ के दबाव के कारण दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई। मृतकों में एक महिला और एक पुरुष है। सात श्रद्धालु घायल हुए हैं। इनको अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

प्रत्यक्षदर्शी श्रद्धालु नेत्रपाल

श्रद्धालु नेत्रपाल ने बताया कि वह परिवार के साथ बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए आए थे। रात करीब एक बजे मंदिर के बाहर पहुंचे। उस वक्त मंदिर के बाहर हजारों की तादाद में भीड़ थी। रात के करीब 1.45 बजे पट खुले तो श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में प्रवेश कर गई।

भीड़ से बचकर बदहवास हालात में बाहर निकले श्रद्धालु

नेत्रपाल के मुताबिक एक साथ भीड़ आने से गेट नंबर एक और चार पर कई श्रद्धालु गिर गए। भीड़ में वह भी परिवार सहित फंस गए। उन्होंने अन्य लोगों की मदद से महिलाओं को मंदिर से बाहर निकाला। महिलाओं को सांस लेने में दिक्कत महसून होने लगी थी।

एडीजी और आईजी ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा

पुलिसकर्मियों ने श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर निकाला। स्थिति यह थी कि कई श्रद्धालु बदहवास हालात में बाहर आए, गेट पर आते ही गिर गए थे। हादसे के बाद शनिवार की सुबह एडीजी आगरा जोन राजीव कृष्ण और आईजी नचिकेता झा भी वृंदावन पहुंचे। उन्होंने मंदिर में व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

अस्पताल में भर्ती घायल श्रद्धालु

वृंदावन के जिला संयुक्त अस्पताल के सीएमएस डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि दो श्रद्धालुओं को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। पांच श्रद्धालुओं को भर्ती किया गया, जिनमें से दो को रेफर कर दिया गया। इन्हें कम ऑक्सीजन के स्तर के साथ अधिक बेचैनी थी। बाकी मरीजों को छुट्टी दे दी गई है।

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