काबुल। Afghanistan Blast: अफगानिस्तान में गुरुवार को एक के बाद एक कुल तीन विस्फोट हुए। उत्तरी अफगानिस्तान के मस्जिद में हुए विस्फोट में दस के मरने की खबर है और 40 जख्मी हैं। वहीं काबुल में सड़क किनारे हुए विस्फोट की चपेट में आने से दो बच्चे जख्मी हो गए। इसके अलावा अफगानिस्तान के कुंदूज में हुए विस्फोट में 11 लोगों की मौत हो गई स्वास्थ्य अधिकारी नजीबुल्ला साहेल ने यह जानकारी दी और बताया कि घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है।
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Afghanistan Blast update:
उत्तरी अफगानिस्तान स्थित एक मस्जिद में गुरुवार को विस्फोट
उत्तरी अफगानिस्तान स्थित एक मस्जिद में गुरुवार को विस्फोट हो गया। इसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 40 जख्मी बताए जा रहे हैं। न्यूज एजेंसी एपी को यह जानकारी अस्पताल के अधिकारियों ने दी है। जब से यहां तालिबानी हुकूमत आई है तब से यहां विस्फोट व हमलों का सिलसिला जारी है। अफगानिस्तानी मीडिया टोलो न्यूज ने ट्वीट कर इस घटना की जानकारी दी थी। इसके अनुसार विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई है और 65 जख्मी हैं। इससे पहले विस्फोट की जानकारी तालिबान के कमांडर ने भी दी थी। तालिबान कमांडर के प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ वाजेरी ने कहा, ‘मस्जिद में विस्फोट की घटना हुई जिसमें 20 से अधिक लोग जख्मी हैं।’
काबुल पुलिस प्रवक्ता खालिद जादरान ने यह जानकारी ट्वीट के जरिए दी
इसके पहले राजधानी काबुल में सड़क किनारे हुए विस्फोट में दो बच्चों के घायल होने की खबर है। काबुल पुलिस प्रवक्ता खालिद जादरान ने यह जानकारी ट्वीट के जरिए दी। इसी इलाके में दो दिन पहले शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाया गया। अनेकों विस्फोट में छह लोग मारे गए जिनमें से अधिकतर बच्चे थे। आज हुए हमले की जिम्मेवारी अब तक किसी संगठन ने नहीं ली है।
युद्धग्रस्त देश में केवल राकेट व मिसाइलों के हमले
जब से अफगानिस्तान पर तालिबानी हुकूमत काबिज हुई है विस्फोट व हमलों की घटनाएं नियमित हो गईं हैं। यह जानकारी स्थानीय तालिबान कमांडर ने दी। खोरासान में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने पहले स्कूलों को निशाना बनाया था साथ ही शिया बहुल इलाके दश्त-ए-बार्ची पर भी हमले किए थे। पिछले महीने मार्च में कंधार में राकेट विस्फोट हुआ था जिसमें कम से कम चार बच्चों की मौत हो गई थी। तालिबान के आने के बाद युद्धग्रस्त देश में केवल राकेट व मिसाइलों के हमले हो रहे हैं।
विस्फोट में 60 से अधिक बच्चे जख्मी
पिछले साल मई में दश्त-ए-बार्ची और स्कूल के बाहर हुए विस्फोट में 60 से अधिक बच्चे जख्मी हो गए थे जिसमें से अधिकतर लड़कियां ही थीं। दश्त-ए-बार्ची और पश्चिमी काबुल के कई इलाके शिया अल्पसंख्यकों का है। यह इलाका अधिकतर इस्लामिक स्टेट के निशाने पर रहा है।
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