मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मुंबई पुलिस के पूर्व ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। प्रदीप शर्मा के उपनगरीय अंधेरी स्थित आवास पर एंटीलिया बम मामले और मनसुख हिरेन की हत्या की जांच के सिलसिले में सुबह एनआइए ने छापा मारा था। अधिकारी ने बताया कि एनआइए की एक टीम ने सीआरपीएफ के जवानों के साथ अंधेरी पश्चिम के जेबी नगर स्थित शर्मा के घर पर सुबह करीब छह बजे छापा मारा, उनसे केस के बारे में पूछताछ की जा रही थी।
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प्रदीप शर्मा से एनआइए ने दक्षिण मुंबई में अपने कार्यालय में दो दिनों तक पूछताछ की
छापेमारी की सूचना मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने भी अपने जवानों को भी मौके पर तैनात कर दिया गया था। बता दें कि इससे पहले, प्रदीप शर्मा से एनआइए ने जांच के सिलसिले में दक्षिण मुंबई में अपने कार्यालय में दो दिनों तक पूछताछ की थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इससे पहले पूर्व पुलिस अधिकारियों सचिन वाजे, रियाजुद्दीन काजी, सुनील माने, पूर्व पुलिस कांस्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौर को मामले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
इस सिलसिले में हाल ही में संतोष शेलार और आनंद जाधव को भी गिरफ्तार किया गया था। एनआइए का कहना था कि ये दोनों कथित तौर पर उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटकों वाली एसयूवी लगाने की साजिश में शामिल थे।
क्या है मामला
इस साल 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास ‘एंटीलिया’ के पास एक एसयूवी गाड़ी लावारिस हालत में मिली थी। ये गाड़ी बिजनेस मैन मनसुख हिरेन की बतायी जा गई थी। मनसुख हिरेन 5 मार्च को मुंब्रा में मृत अवस्था में पाए गए थे। इन दोनों मामलों की जांच पहले महाराष्ट्र पुलिस कर रही थी, बाद में इसे एनआइए को दे दिया गया था।
गौरतलब है कि एंटीलिया केस में भी पूर्व पुलिसकर्मी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा का नाम आया था और जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उनसे पूछताछ की थी। दरअसल एंटीलिया बम मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही थी। एटीएस की रिर्पोट में खुलासा हुआ था कि मनसुख हिरेन ने अंधेरी ईस्ट से ही अंतिम कॉल की थी और प्रदीप शर्मा का आवास अंधरी ईस्ट में ही है। इसी कारण प्रदीप शर्मा एटीएस और एनआइए के शक के घेरे में थे।
एनकांउटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा
ज्ञात हो कि एनकांउटर स्पेशलिस्ट के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले प्रदीप शर्मा 2019 में विधानसभा चुनावों के दौरान शिवसेना में शामिल हुए थे। उन्होंने चुनाव भी लड़ा था, लेकिन जीत नहीं पाये। अब तक प्रदीप शर्मा
100 से भी ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं, उन्हें फर्जी एनकाउंटर मामले में जेल की सजा भी हो चुकी है।
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