नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसान संगठन आज राज्यपालों को ज्ञापन सौंपने के लिए राजभवनों का घेराव कर रहे हैं। इस बीच मोहाली व पंचकूला में किसानों और पुलिस में टकराव की खबर है। प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेडस तोड़ दिए और आगे बढ़ गए। बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के सात महीने पूरे हो गए हैं। उऩ्होंने दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघू बॉर्डर पर अपना आंदोलन शुरू किया था। राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर अन्य दो विरोध स्थल टिकरी और गाजीपुर हैं। इस दौरान दिल्ली-गाजियाबाद की सीमा यूपी गेट पर किसानों का ट्रैक्टर मार्च भी होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की अयोध्या पर समीक्षा बैठक
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार
– दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा कि भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की खबरें फर्जी हैं। पुलिस ने यह भी कहा कि इस तरह की फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– पंजाब: किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी ने कृषि कानूनों के खिलाफ अमृतसर में जिला प्रशासनिक परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने बताया, ‘हम आज पंजाब के जिला हेडक्वार्टरों में रोष मार्च करेंगे और राज्यपाल, राष्ट्रपति के नाम का मांग पत्र डीसी दफ़्तर को देंगे।’
– हरियाणा: पंचकूला में बड़ी संख्या में किसानों ने नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपने के लिए चंडीगढ़ में राज्यपाल के आवास की ओर मार्च किया।
– हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसान 8 महीने से सरहदों पर बैठे हैं। वे निराश हैं। इसलिए उनके आंदोलन को जिंदा रखने के लिए उनके नेता रोज एक नया कार्यक्रम बनाते हैं। आज राजभवन में ज्ञापन देने की बात कही है। ऐसा होता रहता है।
– दिल्ली: किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर आज किसान राज्यपाल और उपराज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे। इसको देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उपराज्यपाल निवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
– हरियाणा: पंचकूला के नाडा साहिब गुरुद्वारा के पास राजभवन की तरफ मार्च के लिए किसान इकट्ठे हुए। डीसीपी ने बताया, ‘किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। हमारे पास पर्याप्त सुरक्षाबल हैं। आशा है कि आज के सभी कार्यक्रम बिना कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब किए होंगे।’
– दिल्ली: किसानों की ट्रैक्टर रैली के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
– कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। किसान आज देशभर में राज्यपाल को ज्ञापन देंगे।
– किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर किसानों ने लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन किया।किसान नेता राजेश सिंह चौहान ने बताया, ‘1साल से देश में अघोषित आपातकाल लगा है इसके विरोध में हम आज राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपेंगे क्योंकि किसानों का गेहूं मंडियों में सड़ रहा है।’
दिल्ली मेट्रो के तीन स्टेशन बंद रहेंगे
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो ने शनिवार को येलो लाइन पर तीन मुख्य स्टेशनों को चार घंटे के लिए बंद करने का फैसला किया है। डीएमआरसी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की सलाह के अनुसार सुरक्षा कारणों से येलो लाइन के तीन मेट्रो स्टेशन, विश्वविद्यालय, सिविल लाइन और विधानसभा कल सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक लोगों के लिए बंद रहेंगे।
पिछले साल 25 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे किसान
भारतीय किसान संघ के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसान फिर से भारी संख्या में गाजीपुर सीमा पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान तीन केंद्रीय कानूनों को रद करने की मांग को लेकर पिछले साल 25 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जून को किसानों के प्रतिनिधि विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपेंगे। दिल्ली का राज निवास सिविल लाइंस इलाके में स्थित है।
कई दौर की वार्ता के बाद भी नहीं टूटा गतिरोध
किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने और उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए एक नया कानून बनाने की मांग को लेकर पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इसे लेकर किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हुई, पर गतिरोध नहीं खत्म हुआ। सरकार ने आखिरी बार 22 जनवरी को किसान नेताओं के साथ बातचीत की थी। दिल्ली में किसानों द्वारा 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के हिंसक हो जाने के बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत रुक गई थी।
कृषि कानून विरोधी आंदोलन में तोड़फोड़ की आशंका
खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस और सीआइएसएफ को किया अलर्ट। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर कृषि कानून विरोधी आंदोलन में खलल डाल सकते हैं उपद्रवी। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों को उकसा सकते हैं ताकि स्थितियां हाथ से बाहर निकल जाएं। इस अलर्ट के मद्देनजर सुरक्षा बलों ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।