Delhi Politics : टीचर्स की फिनलैंड ट्रेनिंग के मुद्दे पर बवाल, सड़क पर उतरे केजरीवाल

0
172

नई दिल्ली। Delhi Politics : राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। ताजा मामले में आज सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने उपराज्यपाल पर शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड जाने से रोकने का आरोप लगाया है।

Anti Copying Law : उत्तराखंड में नकेल कसने के लिए सरकार का बड़ा प्लान

इस मुद्दे को लेकर लेकर उन्होंने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व अन्य विधायकों के साथ विधानसभा से लेकर उपराज्यपाल निवास तक मार्च निकाला। इस दौरान सीएम केजरीवाल सभी विधायकों के साथ एलजी से मिलने की मांग पर अड़े रहे। ऐसा न होने पर वह एलजी आवास के पास से वापस लौट आए।

सड़क पर उतरे अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के विधायकों के साथ शिक्षकों की ट्रेनिंग के मुद्दे को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एलजी शिक्षकों को फिनलैंड जाने से रोक रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने एलजी पर दिल्ली में योग कक्षाओं पर रोक लगाने का आरोप लगाया है।

“LG के पास नहीं शिक्षकों को ट्रेनिंग में जाने से रोकने का हक”

सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को तानाशाही नहीं बल्कि संविधान और जनतंत्र चाहिए। जनता के हक के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाते हुए कहा, “दिल्ली की चुनी हुई सरकार, दिल्ली के लोगों का टैक्स, दिल्ली के बच्चों की शिक्षा… तो फिर एलजी साहब को क्या प्राब्लम है? गरीबों के बच्चों को भी अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले। हम सरकारी शिक्षकों को फिनलैंड ट्रेनिंग के लिए भेज रहे हैं।” वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी को शिक्षकों को ट्रेनिंग में जाने देने से रोकने का हक नहीं है।

इसी कड़ी में दिल्ली सरकार (Delhi Politics) के कैबिनेट मंत्री ने कहा, “दिल्ली के LG द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों की धज्जियां उड़ाकर सरकार के कामों को ठप करना दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस तरह से शिक्षकों को अब ट्रेनिंग पर जाने से भी रोका जा रहा है यह दर्शाता है कि इनकी मंशा ठीक नहीं है। हमारी LG साहब से विनती है चुनी हुई सरकार को अपना काम करने दें।”

आरोपों के बीच एलजी ने रखी अपनी बात

दिल्ली सरकार के आरोपों के जवाब में उपराज्यपाल ने कहा, “फिनलैंड में प्राथमिक प्रभारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रस्ताव को खारिज नहीं किया है। इसके विपरीत कोई भी बयान जानबूझकर भ्रामक और शरारत से प्रेरित है। सरकार को सलाह दी गई है कि प्रस्ताव का रूप से मूल्यांकन करें और छात्रों को प्रदान की जा रही शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव के संदर्भ में कॉस्ट बेनिफिट विश्लेषण रिकॉर्ड करें, ताकि अतीत में शिक्षकों के लिए किए गए विभिन्न विदेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके।”

इसके अलावा एलजी ने देश के भीतर उत्कृष्ट संस्थानों में समान प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जांच और पहचान करने की भी सलाह दी है, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग, वित्तीय विवेक और प्रशासनिक प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके।

Dehli Murder Case : श्रद्धा हत्याकांड में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा